बुधवार व्रत आरती | Budhvar Vrat Katha Aarti PDF

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के साथ Budhvar Vrat Katha Aarti PDF को शेयर किया है, जिसे आप डाउनलोड लिंक से फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

दोस्तों, सबको पता है कि बुधवार के दिन श्री गणेश जी आरती, व्रत और पूजा की जाती है| ऐसा करने से जातक को विशेष फल की प्राप्ति होती है और हिन्दू धर्म में बुधवार के दिन को पवित्र भी माना गया है|

माना जाता है कि जो भी इस व्रत को करते है उसके जीवन के सभी दुखों और ग्रह दोषों का नाश हो जाता है| आप सभी को तो पता ही है की कोई भी कम से पहले श्री गणेश जी का पूजा या उन्हें स्मरण किया जाता है, तभी उस कार्य को संपन्न माना जाता है| यदि आप भी इस व्रत आरती को डाउनलोड करना चाहते है तो इसे डाउनलोड बटन से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं|

PDF Nameबुधवार व्रत की आरती PDF
LanguageHindi
No. of Pages1 Page
Size987 KB
CategoryReligious
QualityExcellent

Budhvar Vrat Katha Aarti PDF

व्रत के दौरान इस आरती का पाठ बहुत ही पवित्र माना जाता है| यदि आप इस आरती का पाठ करते है तो सब कुछ शुभ ही होता है| यह पाठ बुधवार व्रत कथा के समय भी पढ़ सकते है| जो भी इन दोनों के साथ विधि पूर्वक पूजा और व्रत करते है , उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है|

आरती युगल किशोर की कीजै, तन-मन-धन, न्योछावर कीजै।

गौर श्याम सुख निरखत रीझै, हरि को स्वरूप नयन भरी पीजै।

रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरिख मेरो मन लोभा।

ओढ़े नील पीत पट सारी, कुंज बिहारी गिरवर धारी।

फूलन की सेज फूलन की माला, रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला।

मोर-मुकुट मुरली कर सोहे, नटवर कला देखि मन मोहे।

कंचन थार कपूर की बाती, हरि आए निर्मल भई छाती।

श्री पुरुषोत्तम गिरवरधारी, आरती करें सकल ब्रजनारी।

नंदनंदन ब्रजभान किशोरी, परमानंद स्वामी अविचल जोरी।

Download बुधवार व्रत आरती PDF

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन की मदत से इस व्रत आरती की पीडीऍफ़ को फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

आज हमने इस प्सोत के द्वारा आप सभी के साथ Budhvar Vrat Katha Aarti PDF को शेयर किया है, हमें उम्मीद है आप सभी को यह आरती पसंद आई होंगी| यदि आप भी बुधवार को व्रत करते है तो इस प्सोत को शेयर जरुर करें|

अन्य महत्वपूर्ण पोस्ट:-

Leave a Comment