पूर्णिमा व्रत कथा | Purnima Vrat Katha PDF in Hindi

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी के साथ पूर्णिमा व्रत कथा (Purnima Vrat Katha PDF) को शेयर किया है, जिसे आप दिए गए डाउनलोड बटन की मदत से फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा व्रत का भी एक अलग ही महत्व है| प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते है| इसी दिन आकाश में चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है| इस दिन भगवान नारायण जी की कथा का पाठ भी कर सकते है और इसे बहुत पवित्र भी माना गया है| ऐसा करने से मन में शुख और मानसिक शांति मिलती हैं|

Purnima Vrat Katha PDF in Hindi

हिन्दू कैलेंडर में तिथियों का निर्धारण चंद्रमा की गति को आधार बनाकर किया गया है| पूर्णिमा हर महिना एक बार जरुर आती है तो वर्ष भर में 12 पूर्णिमा आती है और ये सभी पूर्णिमा लोगों के लिए काफी लाभकारी भी है| वैसे आप सभी को पता है कि जिस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप में होती है, उस दिन को पूर्णिमा कहते है और जिस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देते है, उसे अमावस्या कहते है|

यदि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बात करे तो पूर्णिमा पानी को अपनी और आकर्षित करती है और मनुष्य के शारीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है, इसलिए यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अच्छा है| शास्त्रों के अनुशार पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है|

ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन देवी और देवता मानव बनकर धरती पर आते है, इसलिए जो भी पूर्णिमा व्रत रखते है उन्हें विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है| वैसे तो हम सबको पूर्णिमा व्रत करनी चाहिए ताकि जीवन में कोई दुःख और बाधा न आये| यदि आप इस कथा को डाउनलोड करना चाहते है तो इसे डाउनलोड बटन से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं|

Purnima Vrat Katha PDF: Overview

PDF Nameपूर्णिमा व्रत कथा (Purnima Vrat Katha PDF)
LanguageHindi
No. of Pages4 Pages
Size500 KB
CategoryReligious
QualityExcellent

Download पूर्णिमा व्रत कथा PDF

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर इसे फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं|

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आप सभी के साथ पूर्णिमा व्रत कथा (Purnima Vrat Katha PDF) को शेयर किया है, उम्मीद है इस पोस्ट के द्वारा दी गई जानकारी आप सभी को पसंद आई होंगी| यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरुर करें|

अन्य महत्वपूर्ण पोस्ट:-

Leave a Comment