[PDF] शिव जी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti PDF Free Download

Shiv Ji Ki Aarti PDF in Hindi: आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ महादेव अर्थात् शिव जी की आरती को शेयर करने वाले है, जिसे आप दिए गए लिंक की मदत से डाउनलोड कर इस पवित्र आरती का लाभ ले सकते है|

शिव जी को देवो के देव महादेव के नाम से भी जाना जाते है और शिव जी त्रिदेव में से एक है| शिव भगवान के कई सारे नाम है, लेकिन उन्हें लोग अक्सर प्रेम से महादेव, शंकर, नीलकंठ, भोलेनाथ, त्रिनेत्रधारी आदि कहकर बुलाते है|

शिव जी बहुत ही दयालु और कृपुलू है| वह अपने भक्तों पर कोई भी आँच आने नहीं देते है| यदि आप भी महादेव के भक्त है तो बोलिये, हर-हर महादेव! जो भी शिव भगवान की पूजा सच्चे मन और श्रद्धा के साथ करते है, भगवान शिव उसकों हमेशा मुसीबतों से दूर रखते है| इसीलिए हम सबको भगवान शिव की आरती और पूजा करनी चाहियें|

Shiv Ji Ki Aarti PDF

शिव जी कि इस पवित्र आरती में बहुत ताकत है| इसे भगवान शिव के सामने से करने से मन में शांति मिलती है और घर के सारे परेशानियाँ दूर हो जाती है| माना जाता है कि भगवान शिव की जो उपवास करते है उनको अच्छा जीवन साथी मिलती है| भोलेनाथ ही इस संसार का आधार माना जाता है और इसके बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है|

शिव भगवान को अनादि कहा जाता है, क्योंकि शिव भगवान का न ही कोई अंत है और न ही शुरवात| सारा ब्रामंड इनके अन्दर ही समाया हुआ है| जब ब्रामंड में कुछ नहीं था तो भी शिव भगवान थे और जब ब्रामंड का विनाश हो जायेगा तब भी शिव भगवान रहेंगे, इसीलिए शिव को महाकाल भी कहा गया है|

हम सबको श्रद्धा के साथ शिव भगवान की आरती और पूजा करनी चाहियें, ताकि महादेव सब पर अपना कृपा-दृष्टी बना कर रखें| नीचे हमनें Shiv Ji Ki Aarti को दिया है| आप चाहें तो नीचे से डायरेक्ट पढ़ सकते है या यदि आप इसका पीडीएफ चाहते है तो नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक की मदत से फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

शिवजी की आरती लिरिक्स | Shiv Aarti Lyrics

ॐ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ हर हर हर महादेव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भोले शशिधारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालन करता ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि दर्शन पावत रुचि रुचि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

लक्ष्मी व सावित्री, पार्वती संगा ।
पार्वती अर्धांगनी, शिवलहरी गंगा ।।
ॐ हर हर हर महादेव..।।

पर्वत सौहे पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ।।
ॐ हर हर हर महादेव..।।

जटा में गंगा बहत है, गल मुंडल माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ।।
ॐ हर हर हर महादेव..।।

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

ॐ जय शिव ओंकारा भोले हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ।।
ॐ हर हर हर महादेव….।।…

Shiv Aarti in English | Shiv Aarti Lyrics in English

Om Jai Shiva Omkara,
Bramha, Vishnu, Sadashiv, Ardhangi Dhaara.
Om Jai Shiv Omkara

Ekaanan Chaturaanan Panchaanan Raje,
Hansaanan Garudaasan Vrishvaahan Saaje.
Om Jai Shiv Omkara

Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Dasamukh Ati Sohe,
Trigun Rup Nirakhate Tribhuvan Jan Mohe.
Om Jai Shiv Omkara

Akshamaala Vanamaala Mundamaala Dhaari,
Tripuraari Kansaari Kar Maala Dhaari.
Om Jai Shiv Omkara

Shvetambar Pitambar Baaghambar Ange,
Sanakaadik Garunaadik Bhutaadik Sange.
Om Jai Shiv Omkara

Kar Ke Madhy Kamandalu Charka Trishuladhaari,
Sukhakaari Dukhahaari Jagapaalan Kaari.
Om Jai Shiv Omkara

Bramha Vishnu Sadaashiv Jaanat Aviveka,
Pranavaakshar Mein Shobhit Ye Tino Ekaa.
Om Jai Shiv Omkara

Lakshmi Va Saavitri Paarvati Sangaa,
Paarvati Ardhaangi, Shivalahari Gangaa.
Om Jai Shiv Omkaara

Parvat Sohe Parvati, Shankar Kailasa,
Bhang Dhatur Ka Bhojan, Bhasmi Mein Vaasa.
Om Jai Shiv Omkaara

Jataa Me Gang Bahat Hai, Gal Mundan Maala,
Shesh Naag Lipataavat, Odhat Mrugachaala.
Om Jai Shiv Omkaara

Kashi Me Viraaje Vishvanaath, Nandi Bramhchaari,
Nit Uthh Darshan Paavat, Mahimaa Ati Bhaari.
Om Jai Shiv Omkaara

Trigunasvamiji Ki Aarti Jo Koi Nar Gave,
Kahat Shivanand Svami Sukh Sampati Pave.
Om Jai Shiv Omkaara

Shiv Ji Ki Aarti PDF: Overview

PDF NameShiv Ji Ki Aarti PDF
No. of Pages3 Pages
Size2.4 MB
CategoryReligious
QualityExcellent

Download Shiv Ji Ki Aarti PDF

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