[PDF] तुलसी माता आरती | Tulsi Aarti PDF in Hindi

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तुलसी का पौधा प्रत्येक हिन्दू घर में पाया जाता है| प्राचीन ग्रंथो के अनुशार तुलसी के पौधे पृथ्वी पर स्तिथ पवित्र पौधे में से एक है| तलसी का पौधा कई प्रकार के रोगों का नाश करते है और कई प्रकार के उर्जा का संचार भी करते है| यह पौधा घर में होने से शुख समृद्धि के साथ येस्वार्य की प्राप्ति होती है और घर से सभी प्रकार की बीमारियाँ दूर रहती है| इसी कारण प्राचीन मुनियों के द्वारा तुलसी की पूजा करने का विधान बनाया गया है|

Tulsi Aarti PDF in Hindi

यदि कोई भी व्यक्ति रोज अगर तुलसी का पत्ता खाता है तो वह कई प्रकार के रोगों से दूर रहता है| यह मनुष्य की स्वाथ्य की दृष्टिकोण से काफी लाभदायक होता है और आज का विज्ञान भी इस बात को मानता है| लेकिन शास्त्रों में तुलसी के पौधे से जुडी कुछ ऐसी मान्यतायें है, जो तुलसी का पौधा लगाते समय धयम में रखनी चाहिए|

  • तुलसी का पौधा किसी भी वृहस्पतिवार को लगा सकते है|
  • तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक का महिना सबसे उत्तम माना जाता है|
  • करती महीने के तुलसी के पूजा हर मनोकामना पूर्ण होती है|
  • तुलसी का पौधा घर या आँगन के बीच में लगाना चाहिए|
  • सुबह तुलसी के पौधे पर पानी चराकर उसकी परिकर्मा करनी चाहिए|
  • शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना सर्वोतम होता है, इससे शुख समृद्धि बनी रहती है|

धार्मिक मान्यताओं के अनुशार तुलसी को लेकर कुच्छ विशेष नियम बताये गए है, जिनका ध्यान रखने से खराब से खराब किसमत भी चमक जाती है|

  • तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय तोड़ने चाहिए|
  • रविवार के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक न जलाये|
  • भगवान विष्णु और उनके अवतारों को तुलसी जल जरुर अर्पित करें|
  • भगवान गणेश और माँ दुर्गा को तुलसी कभी नहीं चराए|
  • तुलसी के पौधे कभी वासी नहीं होते, इसलिए पूजा के दौरान पुराने तुलसी के पत्ते का प्रयोग हो सकता है|
  • चन्द्र ग्रहण के दौरान अन्न में तुलसी के पत्ते रखने पर ग्रहण का प्रभाव नही परता है|

तुलसी का पौधा बुध का प्रतिनिधि करता है जो भगवान कृष्ण का एक स्वरुप माना गया है| भगवान कृष्ण को तुलसी सर्वाधिक प्रिय है, इसलिए भगवान कृष्ण को बिना तुलसी के एक भी भोग नहीं लगाया जाता है| जो भी भक्त श्री कृष्ण को मानते है, उनके घर में तुलसी का पौधा जरुर होना चाहिए और इनको भगवान कृष्ण के साथ तुलसी का पूजा भी अवश्य करनी चाहिए| इससे घर में शुख समृद्धि और येस्वार्य की प्राप्ति होती है|

हम सभी को तुलसी माता की आरती करनी चाहिए| यह बहुत ही पवित्र आरती मानी जाती है और हम सबको इसकी आरती करनी चाहिए| जिसके कारण सभी घर में शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है|

Tulsi Aarti ISKCON Lyrics In Hindi

श्री तुलसी प्रणाम

वृन्दायै तुलसी देव्यायै
प्रियायै केशवस्यच

कृष्ण भक्ती प्रदे देवी
सत्य वत्यै नमो नमः

श्री तुलसी आरती इस्कॉन

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

राधा कृष्णा सेवा पाबो एई अभिलाषी
राधा कृष्णा सेवा पाबो एई अभिलाषी

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

ये तोमार शरण लोय, तारा वांछा पूर्ण होय
ये तोमार शरण लोय, तारा वांछा पूर्ण होय

कृपा करी कोरो तारे वृंदावन वासीं
कृपा करी कोरो तारे वृंदावन वासीं

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

मोरा एई अभिलाष विलास कुंजे दिओ वास
सिग्नेचर लिरिक्स डॉट कॉम
मोरा एई अभिलाष विलास कुंजे दिओ वास

नयन हेरीबो सदा युगल रूप रासि
नयन हेरीबो सदा युगल रूप रासि

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

एई निवेदन धर सखीर अनुगत कोरो
एई निवेदन धर सखीर अनुगत कोरो

सेवा अधिकार दिए कोरो निज दासी
सेवा अधिकार दिए कोरो निज दासी

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

दिन कृष्णा दासे कोय एई येन मोरा होय
दिन कृष्णा दासे कोय एई येन मोरा होय

श्री राधा गोविंद प्रेमे सदा येन भासिं
श्री राधा गोविंद प्रेमे सदा येन भासिं

तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों

यानि कानि च पापानी
ब्रह्मा हत्यदिकानी च

तानी तानी प्रणश्यन्ति
प्रदक्षिणः पदे पदे

यानि कानि च पापानी
ब्रह्मा हत्यदिकानी च

तानी तानी प्रणश्यन्ति
प्रदक्षिणः पदे पदे

ब्रह्मानन्दे देवी, न्याय वृन्दे देवी
जय वृन्दे देवी, जय वृन्दे देवी

जय वृन्दे देवी, जय वृन्दे देवी
जय वृन्दे देवी, जय वृन्दे देवी

जय तुलसी महाराणी
जय तुलसी महाराणी

जय तुलसी महाराणी
जय तुलसी महाराणी

जय तुलसी महाराणी
जय तुलसी महाराणी

जय तुलसी महाराणी
जय तुलसी महाराणी

Tulsi Aarti PDF: Overview

PDF Nameतुलसी माता आरती (Tulsi Aarti PDF)
LanguageHindi
No. of Pages3 Pages
Size2.2 MB
CategoryReligious
QualityExcellent

Download Tulsi Aarti PDF

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