[PDF] श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti in Hindi PDF | Lyrics

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपलोगों के साथ Durga Aarti in Hindi PDF को शेयर किया है, जिसे आप नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक की मदत से बिलकुल फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

माता दुर्गा कि इस पवित्र आरती को नवरात्री के समय किया जाता है| माना जाता है कि जो भी माता दुर्गा की जो भी सच्चें मन से आरती, आराधना करते है माता दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहता है| हम सबको माता की आरती करनी चाहिए ताकि माता का आशीर्वाद हमलोगों के साथ बना रहें|

Durga Aarti in Hindi PDF

माता दुर्गा को शक्ति के नाम से भी जाना जाता है| क्योंकि माता दुर्गा को सारे देवी-देवता का शक्ति प्राप्त है| यह आरती मुख्यः रूप से नवरात्री के समय किया जाता है| माता दुर्गा कि 9 दिनों तक अलग-अलग रूपों का पूजा किया जाता है| दशमीं के दिन महिषासुर का वध कर माता दुर्गा इस संसार से बड़ी पापी का नाश कर देते है|

दुर्गा सप्तशती के अनुशार माता दुर्गा को कुल 108 नामों से जाना जाता है| जिसमें से कई नाम जैसे देवी, शक्ति, गोरी, नारायणी, ब्राह्मणी, वैष्णवी, कल्याणीं, शैलपुत्री, कालरात्रि, आदि शक्ति, सती, सिद्धिदात्री, चंद्रघंटा, महाकाली आदि नामों से जाने जाते है| और सब के पीछे एक बहुत बड़ी कहानी है|

माता दुर्गा को हिन्दुओं की देवी में सबसे प्रमुख मानी जाती है| इसीलिए सब माता दुर्गा की आरती श्रद्धा के साथ करते है| और माता दुर्गा अपनी भक्तों का पूरा ध्यान भी रखते है| वैसे तो लोग आजकल मोबाइल से या और कही से गाना बजा कर आरती कटे है, लेकिन शांति से ध्यान लगाकर आरती करने से इसका अलग ही महत्व होता है|

यदि आप इस आरती के पीडीऍफ़ को डाउनलोड करना चाहते है तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन की मदत से बिलकुल फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

श्री दुर्गा माता आरती | Durga Mata Aarti Lyrics

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी ।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कनक समान कलेवर,,रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

Durga Aarti in Hindi PDF: Overview

PDF NameDurga Aarti in Hindi PDF
LanguageHindi
No. of Pages3 Pages
Size2 MB
CategoryReligious
QualityExellent

Download श्री दुर्गा आरती PDF

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन की मदत से आप इसे निशुल्क ही डाउनलोड कर सकते है| और इस पवित्र आरती का लाभ ले सकते है|

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपलोगों के साथ श्री दुर्गा आरती पीडीऍफ़ को शेयर किया है, उम्मीद है आप सभी को बहुत पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो अपने अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें| या यदि आपके मन में कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके बता सकते है|

इसे भी पढ़े!

Leave a Comment