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मगध महाजनपद में कुल 7 राजवंशो ने शासन किया था| उसी में से एक हर्यक वंश भी था| इस वंश की संस्थापक बिम्बसार थे| यह पहला ऐतिहासिक शासक बने साथ ही यह पहला ऐतिहासिक राजवंश भी बना|
बिम्बसार को विवाह के मध्यम से दहेज़ के रूप में यह साम्राज्य मिला था| और उन्होंने इस साम्राज्य का ओर भी विस्तार किया| इनके समय में अवंति के राजा चन्द्र प्रद्धोत को एक असाध्य रोग(लाइलाज बीमारी) होती है| और उसे ठीक करने के लिए बिम्बसार अपने राज्य वैद्ध जीवक को भेजता है| जीवक के इलाज से राजा चंद्र प्रद्धोत स्वस्थ्य भी हो जाते है| और इसीलिए राज चन्द्र प्रद्धोत अवंति को मगध के अधिन कर देता है|
हर्यक वंश का इतिहास PDF
बिम्बसार अपने साम्राज्य को इनता बड़ा केर लेता है की उसे कोई भी राज्य पराजित नहीं कर सकता था| वह हर छोटे छोटे राज्य को युद्ध में जित लेता था| उसके पास युद्ध के लिए काफी बड़े और आधुनिक किस्म के हत्यार थे| इन हत्यारों के सामने कोई भी नहीं टिक पता था| इस कर्ण से वह अगल बगल का सब राज्यों को जीतता गया| लेकिन उन्होंने वैशाली पर भी आक्रमण किया, किन्तु इस युद्ध में सफल नहीं हो पाए| बिम्बसार की हत्या उसके अपने बेटे अजातशत्रु ने किया है| इसके बाद इस साम्राज्य का उत्तराधिकारी अजातशत्रु को बना दिया जाता है|
अजातशत्रु: इसको कुणिक के नाम से भी जाना जाता है| इसका अर्थ होता है शत्रुओं का नाश करने वाला| अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या कर दती है| जिस कारण से इसे पितृ हन्ता भी कहते है| पिता की मृत्यु के बाद सुरक्षा के लिए इन्होंने राजगीर की किलाबंदी कर दी| इसी के कल में ही सत्यपर्वी गुफा में राजगीर में पहली बौद्ध संगीति संपन्न हुई| फिर अजातशत्रु ने अपने सहयोगी वर्षकार के सहयोग से वैशाली में आक्रमण किया और उसे जित लिया| इस युद्ध में मुख्य रूप से दो ने हथियार रथमुशल तथा महाशिला कंटक का प्रयोग किया| इसकी भी हत्या इसके पुत्र उदायिन ने किया है|
इस तरह से इस राज्यवंश में और भी कई राजाओं ने शासन किया| जिसका विस्तार आपको दिए गए पीडीऍफ़ में मिल जायेगा| यदि आप इसके बारे में और भी अच्छे से इनके बारे में जानना चाहते है तो दिए गए लिंक से जरुर डाउनलोड करें|
History of Haryak Vansh PDF: Overview
PDF Name | हर्यक वंश का इतिहास PDF |
Langauge | Hindi |
No. of Pages | 2 Pages |
Size | 76 KB |
Category | History |
Quality | Exelent |
Download हर्यक वंश का इतिहास PDF
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