[PDF] सूर्य नमस्कार मंत्र अर्थ सहित | Surya Namaskar Mantra PDF

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रविवार तथा सप्तमी तिथि को भगवान सूर्य को अर्घ देने का विशेष अवसर माना जाता है| जो महिलाये सप्तमी तिथि को वर्त करती है और भगवान सूर्य की पूजा करते है, उन्हें पति, पुत्र एवं धन सभी चीजों का सुख प्राप्त होता है| तथा जो पुरुष रविवार तथा सप्तमी तिथि को भगवान सूर्य को अर्घ देते है, उनके जीवन में कभी भी मान-सम्मान की कमी नहीं होती है|

Surya Namaskar Mantra PDF

यदि कुशा के आसन पर खड़े होकर जल अर्पित किया जाये तो यह सबसे अच्छी बात कही जा सकती है, और सूर्य को जल चड़ाने के लिए शीसा, चाँदी और प्लास्टिक के वर्तनो का उपयोग न करें| सूर्य को जल जड़ने के लिए सिर्फ ताम्बे का लोटा, पीतल के लोटा या कांसे के लोटे का उपयोग कर सकते है|

दोनों हाथों को ह्रदय के पास लाकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करनी है| सूर्य भगवान को जल अर्पित के समय ये जरुर ध्यान रखें, जब जल गिरता है तो उसके उंदर से सूर्य की किरने पार होकर आपके मुखमंडल पर पड़नी चाहिए| यदि किसी दिन सूर्य भगवान बादलों की बजह से नजर नहीं आता है तो भी आपको पूरब-उत्तर दिशा की ओर मुह करके, उसी श्रद्धा के देना चाहिए, जैसे दिखने पर दिया जाता है|

सुय को जल अर्पित के समय इस बात का ध्यान जरुर रखना चाहिए कि आप जो जल अर्पित कर रहे है, वह आपके पेड़ो पर नहीं पड़ना चाहिए| यदि जल जमीन पर गिरकर आपके पेड़ो में पड़ते है तो इसे अशुभ नहीं माना जाता है, यदि पानी आपके पेड़ो में डायरेक्ट गिरते है तो इसे अशुभ माना जाता है|

हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्य देव का महत्व काफी ज्यादा है| इसलिए सब कोई सूर्य देव की पूजा करते है, इनकी आरती करते है ताकि सूर्य देव की कृपा दृष्टी हमेशा हम सब पर बनी रहे| सूर्य नमस्कार जो भी करते है उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है और वह हमेशा अपने जीवन में खुश रहते है|

नीचे हमने सूर्य नमस्कार मंत्र को अर्थ सहित बताने की कौशिश की है, उम्मीद है आप सभी को यह पसंद आयेगा| यदि आप इसका पीडीऍफ़ डाउनलोड करना चाहते है तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन से कर सकते है|

Surya Namaskar Mantra Lyrics/ सूर्य नमस्कार मंत्र लिरिक्स

सूर्य नमस्कार मंत्र में 12 मंत्र बोले जाते है और सभी मंत्र में सूर्य देव को अलग-अलग नामों में प्रणाम किया जाता है|

ॐ ध्येयः सदा सवितृ-मण्डल-मध्यवर्ती, नारायण: सरसिजासन-सन्निविष्टः।
केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी, हारी हिरण्मयवपुर्धृतशंखचक्रः ॥

ॐ मित्राय नमः।
अर्थ:- इस मंत्र का भाव है, हम ऐसे सूर्य देव को प्रणाम करते है जो सभी के अनुकूल है, जो सबका मित्र है|

ॐ रवये नमः।
अर्थ:- हम ऐसे सूर्यदेव को प्रणाम करते है जो प्रकाशवान है, जो चमकने वाला और दीप्तिमान है|

ॐ सूर्याय नमः।
अर्थ:- हम ऐसे सूर्य देव को प्रणाम करते है जो क्रियाओं का प्रेरक है, जो गतिविधी पैदा करने के लिए जिम्मेवार है|

ॐ भानवे नमः।
अर्थ:- हम ऐसे सूर्य देव को प्रणाम करते है जो प्रदीप्त करने वाला है| इस मंत्र में हम सूर्य देव से अपने अज्ञान रूपी अंधकार की समाप्ति हेतु प्रार्थना करते है|

ॐ खगाय नमः।
अर्थ:- आकाशगामी को प्रणाम| इस मंत्र से हम सूर्य देव की उस शक्ति के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते है, जो समय का ज्ञान प्रदान करती है और हम उसने अपनी जीवन को उन्नत बनाने की प्रार्थना करते है|

ॐ पूष्णे नमः।
अर्थ:- पौषक को प्रणाम| इस मंत्र से हम सूर्य देव के समक्ष हम अपना सम्पूर्ण अस्तित्व समर्पित करते है तथा पप्रार्थना करते है कि वह हमेशा मानशिक और अध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करें|

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
अर्थ:- स्वर्णिम विश्वात्मा को पप्रणाम| इस मंत्र में हम सूर्य देव भगवान से यह प्रार्थना करते है कि वह हममें रचनात्मकता का उदय करें|

ॐ मरीचये नमः। (वा, मरीचिने नम: – मरीचिन् यह सूर्य का एक नाम है)
अर्थ:- सूर्य रश्मियों को प्रणाम| इस मंत्र में हम सच्चे ज्ञान और विवेक को प्राप्त करने के लिए, सूर्य देव भगवान के समक्ष नत्मश्तक होकर प्रार्थना करते है कि वे हमें ज्ञान दे ताकि हम सत्य और असत्य के अंतर को समझ सके|

ॐ आदित्याय नमः।
अर्थ:- अदिति सूत को प्रणाम| इस मंत्र में हम अनंत विश्वजननी को प्रणाम करते है|

ॐ सवित्रे नमः।
अर्थ:- सूर्य की उदीपन शक्ति को प्रणाम, प्रशंसनीय को प्रणाम| इस मंत्र में हम सूर्य देव को, जोकि जीवन के लिए जिम्मेवार है तथा उर्जा के श्रोत है, उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते है|

ॐ अर्काय नमः।
अर्थ:- जो प्रशंसा और महिमा के योग्य है हम ऐसे सूर्य देव भगवान को नमन करते है|

ॐ भास्कराय नमः।
अर्थ:- आत्मज्ञान प्रेरक को प्रणाम| इस मंत्र से हम सूर्य देव भगवान से यह प्रार्थना करते है कि वह हमें सत्य का मार्ग दिखायें|

ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।

आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
अर्थ:- जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते है, वे बल, वीर और तेज को प्राप्त होते है|

Surya Namaskar Mantra PDF: Overview

PDF NameSurya Namaskar Mantra PDF
No. of Pages1
Size982 KB
CategoryReligious
QualityExcellent

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